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वास्तुदोष नाशक हरे रंग के गणपति मुख्य द्वार पर आगे-पीछे लगाएं।
जैसे तांबा, मतान्तर से सोना, केसर, कस्तूरी, गेहूं, लाल चंदन, लाल गुलाब, सिंदूर, शहद, लाल पुष्प, मसूर की दाल, लाल कनेर, लाल मिर्च, लाल पत्थर, लाल मूंगा आदि.
ऋण उतारने के लिए नारियल करे अर्पित – Karj mukti nariyal ke fayde in hindi
सियार सिंघी सिद्ध मंत्र – ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय क्षोभय, मम वशी कुरुं वशी कुरुं क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं स्वाहा
मंत्र जो दिलाएगा कर्ज से मुक्ति – कर्ज मुक्ति के टोटके – mantr jo dilavaega karj se mukti – karz mukti ke totke
नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें
जानिए की केसे करें बिना तोड़-फोड़ के वास्तु सुधार
भविष्य पुराण में कर्ज मुक्ति के उपाय कैसे लगे आपको ? आच्छा लगे तो शेयर जरूर करें।
क्या आप हमेशा किसी तरह के कर्ज में रहते हैं? क्या आप अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद अपने ऋण को चुकाने में कठिनाई महसूस करते हैं? क्या आपका ऋण आपके नियमित जीवन में समस्याएं पैदा कर रहा है? ऐसे कई कारण हैं, जिन्हें ऋणों के भुगतान में समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। आपके बर्थ चार्ट या कुंडली के अध्ययन से इस बात का पता लगाया जा सकता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में कई ज्योतिषीय संयोजन हो सकते हैं जो कर्ज से संबंधित मुद्दों में कठिनाई का कारण बन सकते हैं। निम्नलिखित ज्योतिषीय उपाय आपके ऋण को चुकाने में आपकी सहायता कर सकते हैं और यदि आप लगन के साथ यह उपाय करते हैं तो आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह अगर कुंडली में अशुभ स्थिति में हो या पाप ग्रहों जैसे राहु, शनि या केतु के साथ हो तो व्यक्ति के जीवन में बार-बार आर्थिक समस्याएं आती हैं। खासकर अगर मंगल छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो व्यक्ति कर्ज में डूब सकता है।
मंगलवार को शराब, मांस और प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
वैदिक शास्त्र की बात करें तो ज्योतिष के अनुसार, छठवें, आठवें, बारहवें और मंगल को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है. जब get more info कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होते हैं या छठवें, आठवें और बारहवें में नीच स्थिति में रहते हैं तो व्यक्ति अधिकतर समय कर्ज में रहता है.
शिवलिंग की परिक्रमा किस ओर से शुरू करनी चाहिए, जानें भगवान शिव की परिक्रमा से जुड़े नियम